नैनीताल: जिले में सड़क किनारे, सार्वजनिक मार्गों और बाजारों में बेतरतीब तरीके से खुलते जा रहे रेस्टोरेंट और ढाबे आम जनता की सेहत के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. बिना फूड लाइसेंस के संचालित हो रहे इन ढाबों और रेस्टोरेंट्स में गंदगी से भरी रसोई में रखा खाना ग्राहकों को परोसा जा रहा है.
खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले एक साल में हल्द्वानी, रामनगर, भवाली आदि स्थानों पर 184 रेस्टोरेंट की रसोई में गंदगी और एक्सपायरी खाद्य पदार्थ पाए जाने पर उनका चालान किया है.
इसके अलावा, लगभग 222 रेस्टोरेंट और ढाबे ऐसे हैं, जिनके मालिकों के पास फूड लाइसेंस तक नहीं है. इस प्रकार, कुल 406 रेस्टोरेंट और ढाबे खाने के लिए सुरक्षित नहीं माने जा रहे हैं. फिलहाल, विभाग ने आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को सौंप दी है.
खाद्य पदार्थों की बिक्री और खरीद करने वाले सभी प्रतिष्ठानों के लिए फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. पिछले एक साल में चलाए गए अभियान के दौरान बिना लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और गंदगी पाए जाने वाले ढाबों और रेस्टोरेंट के संचालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई है. आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट एसडीएम को भेजी गई है.
नैनीताल जिले में फूड लाइसेंस की स्थिति:
नैनीताल जिले में वर्तमान में 4091 फूड लाइसेंस सक्रिय हैं, जबकि 1084 प्रतिष्ठानों के फूड लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है. इन सभी पर चालानी कार्रवाई की जा रही है, और लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के लिए कहा गया है. 1566 फूड लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया है. हालांकि, कई रेस्टोरेंट और ढाबा संचालक ऐसे हैं जिन्होंने लाइसेंस का नवीनीकरण कराना जरूरी नहीं समझा. ऐसे करीब 222 लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
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