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Yamunotri Highway: 16 अप्रैल को आरपार होगी सिलक्यारा सुरंग, सीएम धामी और नितिन गडकरी के शामिल होने की संभावना

उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम जुड़ने जा रहा है। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग 16 अप्रैल को आरपार हो जाएगी। इस अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के शामिल होने की संभावना है।

यह सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) द्वारा तैयार की जा रही है, जो लगभग 4.5 किलोमीटर लंबी है। इसका निर्माण कार्य पिछले कुछ वर्षों से चल रहा था, लेकिन वर्ष 2023 में आई भूस्खलन की घटना के कारण कार्य बाधित हो गया था। इस आपदा में 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे रहे, जिन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इस हादसे के बावजूद, परियोजना से जुड़े इंजीनियरों और मजदूरों ने हार नहीं मानी और अब सुरंग की खुदाई अंतिम चरण में है।

निर्माण कार्य अंतिम दौर में

एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक मोहम्मद शादाब ने बताया कि अब सुरंग की खुदाई का मात्र पांच मीटर हिस्सा शेष है। इसे चार दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। सुरंग को आरपार करने की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। सुरंग के इस ऐतिहासिक क्षण को चिन्हित करने के लिए एक विशेष समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

40 किमी की दूरी होगी कम

सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग के पूरा होने से गंगा और यमुना घाटी के बीच की दूरी लगभग 40 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे यमुनोत्री धाम तक पहुंचने में लगने वाला समय घटेगा और यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह सुरंग आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति एवं राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी।

आधुनिक तकनीक से होगा सुसज्जित

आरपार होने के बाद इस सुरंग को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसमें सुरक्षा प्रणाली, वेंटिलेशन सिस्टम, अत्याधुनिक लाइटिंग, इमरजेंसी एग्जिट, और सीसीटीवी निगरानी जैसे उपाय किए जाएंगे। सुरंग को पूरी तरह से यातायात के लिए खोलने से पहले इसमें एक वर्ष तक विभिन्न तकनीकी और सुरक्षा परीक्षण किए जाएंगे।

स्थानीय लोगों को रोजगार और सुविधा

इस परियोजना ने न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान किया है, बल्कि इसके पूर्ण होने से उत्तरकाशी और आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। यह सुरंग क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के साथ-साथ चारधाम यात्रा मार्ग को भी अधिक सुगम बनाएगी।

भविष्य की योजनाएं

राज्य सरकार इस सुरंग को केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक प्रगति का द्वार मान रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले भी कहा था कि उत्तराखंड में कनेक्टिविटी सुधारना सरकार की प्राथमिकता है और सिलक्यारा सुरंग इसका एक अहम हिस्सा है। सिलक्यारा सुरंग का आरपार होना उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल यात्रियों के लिए राहत का मार्ग खोलेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को भी नई दिशा देगी। 16 अप्रैल को होने वाला यह कार्यक्रम विकास की इस यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा।