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बेटियों की शादी में 50 हजार की मददः उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों को बड़ी सौगात, नियमितीकरण प्रक्रिया जल्द, विदेश में नौकरी के अवसर भी मिलेंगे

उत्तराखंड में कार्यरत उपनल कर्मचारियों के लिए राहत और सम्मान की बड़ी घोषणाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वस्त किया है कि प्रदेश सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू की जाएगी और इसकी नियमावली भी शीघ्र जारी की जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने उस सम्मान समारोह के दौरान की, जो उपनल कर्मचारी महासंघ द्वारा उनके और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के सम्मान में आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में हुए इस समारोह में बड़ी संख्या में उपनल कर्मचारी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि धरना-प्रदर्शन के दौरान उपनल कर्मियों पर दर्ज मुकदमों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

बेटियों की शादी में मिलेगा 50 हजार रुपये का सहयोग

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने समारोह के दौरान एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि उपनल कर्मचारियों की बेटियों की शादी में सरकार की ओर से 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि पहले किसी उपनल कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को 15 हजार रुपये की सहायता राशि मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये कर दिया गया है।

‘धामी जी राम हमारे, उपनल कर्मी सेवक तुम्हारे’

सम्मान समारोह में उपनल कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री का ज़ोरदार स्वागत किया। “धामी जी राम हमारे, उपनल कर्मी सेवक तुम्हारे” जैसे नारों से समारोह स्थल गूंज उठा। महिला कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को भाई समान मानते हुए उनका तिलक किया और उन पर पुष्पवर्षा की। इस आत्मीयता से भरे माहौल में मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हमेशा कर्मचारियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।

उपनल अब विदेशों में भी खोलेगा रोजगार के द्वार

सैनिक कल्याण मंत्री ने यह भी बताया कि उपनल अब केवल राज्य तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि विदेशों में भी नौकरियों के नए अवसर उपलब्ध कराएगा। उपनल का ऑस्ट्रेलिया, जापान, जर्मनी और दुबई की कंपनियों के साथ समझौता (MoU) किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विदेशों में नौकरी के लिए एक मानक प्रक्रिया बनाई जा रही है।

विदेशी रोजगार के लिए उपलब्ध पदों में 50 प्रतिशत आरक्षण पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए होगा, जबकि बाकी 50 प्रतिशत अन्य उम्मीदवारों को दिया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है जिससे उत्तराखंड के युवाओं को वैश्विक स्तर पर नौकरी के अवसर मिलेंगे।

22 हजार से अधिक कर रहे सेवा

फिलहाल उत्तराखंड में उपनल के माध्यम से लगभग 22 हजार लोग विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू होने से इन सभी कर्मचारियों को स्थायित्व और सुरक्षित भविष्य की उम्मीद जगी है। समारोह में उपनल महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल, महामंत्री विनय प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष महेश भट्ट समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे और उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।