उत्तराखंड के धार्मिक महत्व वाले पंचकेदारों में से द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथियां तय कर दी गई हैं। बैसाखी पर्व के शुभ अवसर पर ऊखीमठ और मक्कूमठ में विधिवत पूजन और पंचांग गणना के पश्चात ये तिथियां घोषित की गईं।
21 मई को खुलेंगे मदमहेश्वर मंदिर के कपाट
रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर, जो कि पंचकेदारों का गद्दी स्थल है, वहां सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना के साथ द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई। आचार्यगणों द्वारा पंचांग गणना के अनुसार अब 21 मई 2025 को मदमहेश्वर मंदिर के कपाट विधिपूर्वक खोले जाएंगे। सुबह 9 बजे से मंदिर परिसर में भगवान मदमहेश्वर की विशेष पूजा शुरू हुई। पूजा संपन्न होने के बाद दोपहर में भगवान की भोग मूर्तियों को पुष्परथ में विराजमान कर यात्रा की तैयारी की गई। यह परंपरा हर वर्ष ग्रीष्मकाल की शुरुआत से पहले निभाई जाती है।
2 मई से दर्शन के लिए खुलेंगे तुंगनाथ मंदिर के कपाट
इसी क्रम में, तुंगनाथ मंदिर, जो कि पंचकेदारों में तृतीय स्थान पर आता है, के भी कपाट खुलने की तिथि तय हो गई है। मक्कूमठ स्थित शीतकालीन गद्दीस्थल मर्कटेश्वर मंदिर में पंचपुरोहितों द्वारा विधिवत पंचांग गणना की गई और 2 मई 2025 को मंदिर के द्वार खोलने का निर्णय लिया गया। यह दिन श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के लिए बेहद खास होगा, क्योंकि इसके साथ ही हिमालयी तीर्थों की यात्रा की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है।
धार्मिक उत्साह और तैयारी शुरू
इन तिथियों की घोषणा के साथ ही पंचकेदार यात्रा की तैयारियां भी तेज़ हो गई हैं। स्थानीय प्रशासन, मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहित मिलकर रास्तों की सफाई, धर्मशालाओं की मरम्मत और यात्रा व्यवस्था की रूपरेखा बनाने में जुट गए हैं। श्रद्धालुओं के बीच उत्साह चरम पर है, क्योंकि हिमालयी क्षेत्र में स्थित ये दोनों मंदिर न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र हैं, बल्कि दुर्गम और सुरम्य यात्रा मार्गों के कारण भी तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष आकर्षण रखते हैं।
पंचकेदारों का महत्व
पंचकेदार —केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर —हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखते हैं। ये सभी मंदिर भगवान शिव के विभिन्न रूपों को समर्पित हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं और कठिन पहाड़ी मार्गों को पार कर इन तीर्थों के दर्शन करते हैं। इस वर्ष मदमहेश्वर और तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथियों की घोषणा से श्रद्धालुओं की तैयारियों को नई दिशा मिल गई है। अब सभी की निगाहें केदारनाथ समेत बाकी पंचकेदारों के कपाट खुलने की तिथियों पर टिकी हैं।