उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित नैनीताल बैंक में एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। बैंक में जहां लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पैसे जमा करते हैं, वहीं जब बैंक का ही जिम्मेदार अधिकारी भरोसे को तोड़ दे, तो यह विश्वास पर गहरा आघात होता है। बैंक की एलआर साह रोड शाखा के मौजूदा शाखा प्रबंधक चंद्रशेखर तिवारी की शिकायत पर पुलिस ने बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक राहुल पंत समेत तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि राहुल पंत ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बैंक की नियमावली को ताक पर रखकर करोड़ों की हेराफेरी को अंजाम दिया।
कैसे हुआ घोटाला
प्रबंधक तिवारी के अनुसार, 17 जनवरी 2023 से 24 जनवरी 2025 तक राहुल पंत बैंक के ब्रांच मैनेजर पद पर रहे। इस दौरान बैंक के ऑडिट में कई गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। आरोप है कि राहुल पंत ने नोएडा निवासी ग्राहक प्रियंक पंत की क्रेडिट लिमिट पहले 10 लाख से बढ़ाकर 93.50 लाख रुपये कर दी, जबकि ब्रांच मैनेजर को अधिकतम 12.50 लाख रुपये तक की ही स्वीकृति का अधिकार होता है। इसी प्रकार, धारानौला निवासी शुभम पंत की कैश क्रेडिट लिमिट भी 10 लाख से बढ़ाकर 17 लाख रुपये कर दी गई। दोनों मामलों में जरूरी दस्तावेज और गारंटी की संपत्ति को बैंक के हित में बंधक नहीं बनाया गया, जो सीधे तौर पर बैंकिंग नियमों का उल्लंघन है।
बैंक को हुआ भारी नुकसान
जांच में सामने आया कि राहुल पंत ने ग्राहक प्रियंक पंत के खाते से 93.49 लाख रुपये की रकम निकालकर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की, जिससे बैंक को लगभग 91.88 लाख रुपये का नुकसान हुआ। वहीं, शुभम पंत के खाते से 17 लाख रुपये तक का लेनदेन हुआ, जिससे 9.79 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
बैंक कर रहा है व्यापक जांच
इन गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद बैंक ने अन्य खातों की भी जांच शुरू कर दी है। शाखा प्रबंधक तिवारी ने पुलिस से राहुल पंत और अन्य सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला बैंकिंग व्यवस्था की पारदर्शिता और विश्वास पर सवाल खड़ा करता है, जिस पर अब कड़ी निगरानी की जरूरत है।