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धामी कैबिनेट की बैठक कल : महिला नीति, कृषि और वेडिंग डेस्टिनेशन पर लग सकती है मुहर

उत्तराखंड की धामी सरकार आज (मंगलवार, 16 अप्रैल) एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित करने जा रही है, जिसमें कई अहम नीतियों और प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सबसे प्रमुख एजेंडा राज्य महिला नीति को लेकर है। इसके अलावा, सरकार पर्यटन, कृषि, होमस्टे और स्ट्रीट चिल्ड्रन से जुड़ी नीतियों पर भी अहम फैसले ले सकती है।

महिला नीति को मिल सकता है कैबिनेट से हरी झंडी

सूत्रों के अनुसार, महिला नीति 2024 पर आज मुहर लग सकती है। इस नीति का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को कानूनी, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। प्रस्तावित नीति के तहत महिलाओं को संपत्ति और उत्तराधिकार में अधिकार सुनिश्चित करने, घरेलू हिंसा से सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए ठोस व्यवस्था की जा रही है।

राज्य सरकार की योजना है कि पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में महिलाओं को मोबाइल कानूनी क्लिनिक के माध्यम से कानून की जानकारी और मदद मुहैया कराई जाए। इसके साथ ही, महिलाओं की उच्च शिक्षा में भागीदारी बढ़ाने, उनके लिए रोजगार के अवसर सृजित करने और सभी निर्वाचित पदों पर 50% आरक्षण की भी सिफारिश की गई है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वेडिंग डेस्टिनेशन नीति

कैबिनेट में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वेडिंग डेस्टिनेशन नीति पर भी विचार किया जा सकता है। राज्य सरकार का मानना है कि उत्तराखंड के सुंदर प्राकृतिक स्थल विवाह समारोहों के लिए एक आदर्श स्थान बन सकते हैं। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों की खपत भी बढ़ेगी।

किसानों और होम स्टे को लेकर भी हो सकते हैं फैसले

कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर भी सरकार कुछ ठोस घोषणाएं कर सकती है। इसमें किसानों को कृषि तकनीक, बाजार सुविधा और प्रशिक्षण से जोड़ने की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। वहीं, प्रदेश में होम स्टे संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लाने पर भी चर्चा हो सकती है। इससे स्थानीय लोगों को पर्यटन से सीधे लाभ होगा और पर्यटकों को भी स्थानीय संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

स्ट्रीट चिल्ड्रन नीति पर भी चर्चा संभव

सड़कों पर रहने वाले बच्चों (स्ट्रीट चिल्ड्रन) के कल्याण के लिए सरकार एक अलग नीति पर भी विचार कर रही है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास से जुड़ी योजनाओं को शामिल किया जा सकता है।