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उत्तराखंड में कृषि और शिक्षा को नई गति: सेब, कीवी, मोटे अनाज और ड्रैगन फ्रूट पर 80% सब्सिडी, बच्चों को मुफ्त मिलेंगी कॉपियां

उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक में किसानों, विद्यार्थियों और आम जनता को ध्यान में रखते हुए कई बड़े और जनहितकारी निर्णय लिए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है – सेब, कीवी, मोटे अनाज और ड्रैगन फ्रूट की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान। इसके साथ ही राज्य के 10 लाख स्कूली छात्रों को मुफ्त कॉपियां देने का भी निर्णय लिया गया है।

कृषि को बढ़ावा: आधुनिक खेती पर सरकार का फोकस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए कई योजनाएं स्वीकृत की गईं। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में बाजार की मांग और कृषि संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विशेष नीतियां बनाई हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती पर 80% सब्सिडी

ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक एकड़ की खेती पर 8 लाख रुपये की लागत मानी गई है, जिस पर 80% तक अनुदान मिलेगा।

कीवी उत्पादन का बड़ा लक्ष्य

राज्य में वर्तमान में मात्र 682 हेक्टेयर भूमि पर 381 मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन हो रहा है। नई नीति के अनुसार, 2030-32 तक 3300 हेक्टेयर भूमि पर 33 हजार मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 50 से 70% सब्सिडी का प्रावधान है।

मोटा अनाज नीति को भी मंजूरी

सरकार ने मोटे अनाज (मिलेट्स) के बीज, जैव उर्वरक, सूक्ष्म पोषक तत्व आदि पर 80% सब्सिडी की घोषणा की है।

1-पहला चरण (2025-26 से 2027-28): 24 विकासखंडों में 30 हजार हेक्टेयर

2-दूसरा चरण (2028-29 से 2030-31): 44 विकासखंडों में 40 हजार हेक्टेयर खेती का लक्ष्य

सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत सॉर्टिंग और ग्रेडिंग यूनिट लगाने पर 60% तक अनुदान दिया जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र में बड़ी राहत: छात्रों को मुफ्त कॉपियां

सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक पढ़ने वाले 10 लाख छात्रों को मुफ्त कॉपियां उपलब्ध कराई जाएंगी। अब तक केवल किताबें ही मुफ्त दी जाती थीं, यह निर्णय छात्रों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ को कम करेगा और पढ़ाई को प्रोत्साहन देगा।

आपदा प्रबंधन में अधिकारों का विस्तार

कैबिनेट ने जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि करते हुए आपात स्थिति में राहत कार्यों को और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है: DM को 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति, मंडलायुक्त को 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये तक की स्वीकृति, संस्कृत गांव, शिक्षा और प्रशासनिक निर्णय, हर जिले में एक संस्कृत गांव को प्रोत्साहन, प्रशिक्षक को मिलेगा ₹20,000 मानदेय, लेखा विभाग के कर्मचारी अब हकदारी अधिनियम के अंतर्गत आएंगे, यूएसनगर के सिरौली कलां को नगरपालिका का दर्जा, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में UGC अधिनियम लागू।

अन्य प्रमुख फैसले

1-रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को एग्रीमेंट पर ₹10,000 स्टांप शुल्क छूट

2-सीवर सफाई में मृत या दिव्यांग कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति

3-यूएसनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को 11 हेक्टेयर ज़मीन मुफ्त

4-आईटीडीए का पुनर्गठन, पद बढ़ाकर 54 किए

5-सिंचाई विभाग में वेतन वृद्धि और पदोन्नति नियमों में संशोधन

6-पंचम विधानसभा का सत्रावसान स्वीकृत

7-विश्व बैंक पोषित पेयजल योजना की लागत ₹1042 करोड़ तक बढ़ाई गई

प्रगति की दिशा में मजबूत कदम

उत्तराखंड सरकार की ये घोषणाएं राज्य के किसानों, छात्रों और आम जनता के लिए राहत और प्रगति की दिशा में एक मजबूत कदम हैं। कृषि को सशक्त बनाना, शिक्षा को सुलभ करना और आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावशाली बनाना – इन तीनों पर एकसाथ ध्यान देना बताता है कि सरकार समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। यह योजनाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करेंगी, बल्कि स्थायी विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होंगी।