चारधाम यात्रा के सुचारु संचालन के लिए इस बार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। भूस्खलन और अन्य आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों की पहचान की जा चुकी है और पहले चरण में 22 जेसीबी मशीनों को तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा, खराब सड़कों की मरम्मत का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
चारधाम यात्रा मार्ग का बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीन आता है। ऐसे में यात्रा के दौरान किसी भी तरह की रुकावट को रोकने और आपातकालीन स्थिति में त्वरित राहत उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया गया है। मुख्य अभियंता दयानंद ने बताया कि मानसून के दौरान जेसीबी की संख्या बढ़ाकर 50 से अधिक कर दी जाएगी, ताकि लैंडस्लाइड या मलबा गिरने जैसी घटनाओं से निपटा जा सके।
साथ ही, लोक निर्माण विभाग (PWD) भी वैकल्पिक मार्गों पर अपनी मशीनें और संसाधन तैनात रखेगा। यह समन्वित प्रयास यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और यात्रा को बिना बाधा के संपन्न करने के लिए किया जा रहा है।
रास्तों की मरम्मत का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है। जहां-जहां सड़कें टूटी या जर्जर हालत में हैं, वहां सतह सुधारीकरण (Surface Improvement) का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य 25 अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि यात्रा शुरू होने से पहले सभी तैयारी पूरी हो जाए।
हाल ही में, राज्य शासन के अपर सचिव (लोक निर्माण विभाग) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने चारधाम यात्रा मार्ग का साइट निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान जिन स्थानों पर कमजोरियां पाई गईं, वहां त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, हर सप्ताह कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है ताकि प्रगति पर निगरानी बनी रहे।
इस बार यात्रा में किसी भी तरह की आपदा से बचाव और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन और संबंधित एजेंसियां पहले से ही सतर्क मोड में हैं।