भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के अबू धाबी कैंपस ने एक साल के भीतर अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा जगत में अपनी खास पहचान बना ली है। सितंबर 2024 में शुरू हुए इस कैंपस में छात्रों के नामांकन में 400% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच शिक्षा सहयोग का नया अध्याय रच रहा है।
IIT दिल्ली का यह कैंपस अबू धाबी के खलीफा सिटी में स्थित है और यह भारत के किसी भी IIT का पहला अंतरराष्ट्रीय परिसर है। इसकी स्थापना का उद्देश्य उच्च तकनीकी शिक्षा को वैश्विक स्तर पर विस्तारित करना और भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करना है। उद्घाटन समारोह में क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी मौजूद रहे
उद्घाटन समारोह में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी मौजूद थे। पहले वर्ष जहां 20 छात्रों ने नामांकन कराया था, वहीं 2025 के शैक्षणिक सत्र में यह संख्या बढ़कर 80 पहुंच गई। इनमें से 13 छात्र यूएई के नागरिक हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन कोर्स और 17 ने पोस्टग्रेजुएशन प्रोग्राम्स में दाखिला लिया है।
अबू धाबी कैंपस में अत्याधुनिक कोर्स उपलब्ध हैं
अबू धाबी कैंपस में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, एनर्जी साइंस, केमिकल इंजीनियरिंग, और एनर्जी ट्रांजिशन और सस्टेनेबिलिटी में M.Tech जैसे अत्याधुनिक कोर्स उपलब्ध हैं। छात्रों को ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सतत विकास जैसे वैश्विक मुद्दों पर गहन ज्ञान और रिसर्च का अवसर मिल रहा है।
IIT अबू धाबी न केवल शिक्षा का केंद्र बन रहा है, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अंतरराष्ट्रीय विस्तार रणनीति का हिस्सा भी है। इस नीति का उद्देश्य भारत के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना और वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करना है।
इस सफलता के पीछे भारत और यूएई के मजबूत होते राजनीतिक और आर्थिक संबंध भी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कैंपस भविष्य में विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व सहयोग का माध्यम बनेगा।
IIT दिल्ली का अबू धाबी कैंपस न केवल भारतीय शिक्षा की गुणवत्ता का वैश्विक प्रमाण है, बल्कि यह भारत की “ज्ञान महाशक्ति” बनने की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। आने वाले वर्षों में यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय मंच पर शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।