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उत्तराखंड बनेगा ऊर्जा में आत्मनिर्भर राज्य : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- राज्य को ऊर्जा प्रदेश बनाना सरकार की प्राथमिक नीति

देवभूमि उत्तराखंड की धरती एक बार फिर ऊर्जा से ओतप्रोत हुई जब राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत की। यह अवसर न केवल एक औपचारिक मिलन का था, बल्कि भविष्य की ऊर्जा नीति की दिशा तय करने का भी संकेत था।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ऊर्जा निगमों के अधिकारियों और कर्मचारियों से सीधे संवाद स्थापित किया और उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए स्पष्ट किया कि उत्तराखंड को ‘ऊर्जा प्रदेश’ बनाने का सपना सिर्फ एक राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि राज्य सरकार की प्राथमिक नीति है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है और इसमें सभी कर्मचारियों की भागीदारी आवश्यक है।

जनता ही असली हकदार है इस सम्मान की – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री धामी ने सम्मान प्राप्त करते हुए भावुक अंदाज में कहा कि यह सम्मान असल में उत्तराखंड की जनता का है, जिसने उन्हें सेवा का अवसर दिया। “मैं केवल एक माध्यम हूं, जनता ही मेरी शक्ति है,” उन्होंने कहा। इस बयान के साथ उन्होंने यह संदेश भी दिया कि जनसेवा और पारदर्शिता उनके शासन की मूल भावना है।

ऊर्जा क्षेत्र में उत्तराखंड की उपलब्धियां

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की प्रमुख उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने भारत सरकार द्वारा जारी डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में विशेष श्रेणी डिस्कॉम के अंतर्गत देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह न सिर्फ राज्य के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह साबित करता है कि उत्तराखंड तकनीक, पारदर्शिता और सेवा के मामले में अग्रणी बन रहा है।

16 लाख स्मार्ट मीटर – पारदर्शिता की ओर बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इससे न सिर्फ रियल टाइम बिजली उपभोग की निगरानी संभव हुई है, बल्कि बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि देहरादून शहर में बिजली लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ शहर की सुंदरता में वृद्धि होगी, बल्कि दुर्घटनाओं और लाइन फॉल्ट की घटनाएं भी कम होंगी।

अत्याधुनिक तकनीक से ओवरड्राल पर नियंत्रण

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि यूपीसीएल द्वारा अपनाई गई ऑटोमेटेड डिमांड रिस्पॉन्स सिस्टम से बिजली की ओवरड्राल की स्थिति पर रियल टाइम में नियंत्रण किया जा रहा है। इसका परिणाम यह है कि हर वर्ष करोड़ों रुपये की बचत हो रही है। यह प्रणाली उत्तराखंड को तकनीकी दृष्टि से उन्नत राज्य बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने पर ज़ोर

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार देश के अन्य राज्यों की बेहतरीन ऊर्जा प्रथाओं को भी अपनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे प्रदेश को तकनीकी, पर्यावरणीय और वित्तीय दृष्टिकोण से मजबूत बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले 10, 25 और 50 वर्षों के लिए राज्य की ऊर्जा ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

केंद्र सरकार का मिल रहा पूरा सहयोग

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी विशेष आभार प्रकट किया और कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को हर योजना में भरपूर सहयोग दे रही है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय से लेकर विभिन्न परियोजनाओं तक, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है, जिसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है।

संघर्ष मोर्चा ने जताया आभार

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लंबे समय से चली आ रही कई समस्याओं का समाधान वर्तमान सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर किया है। कर्मचारियों ने यह भी भरोसा जताया कि आने वाले समय में भी इसी तरह सहयोग बना रहेगा।

सम्मान समारोह में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद

इस समारोह में राज्य के प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, यूपीसीएल के एमडी संदीप सिंघल, यूजेवीएनएल और ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, साथ ही संघर्ष मोर्चा के तमाम पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम में एक सकारात्मक ऊर्जा और सहयोग की भावना देखने को मिली।

उत्तराखंड अब ऊर्जा के क्षेत्र में केवल संभावनाओं का नहीं, बल्कि उपलब्धियों का राज्य बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह स्पष्ट है कि ‘ऊर्जा प्रदेश’ की अवधारणा अब धीरे-धीरे हकीकत का रूप ले रही है। तकनीक, पारदर्शिता और जनसहयोग के साथ उत्तराखंड ऊर्जा क्षेत्र में देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है।