फिल्म अभिनेत्री उर्वशी रौतेला के एक विवादित बयान ने उत्तराखंड में हलचल मचा दी है। उनके बदरीनाथ धाम स्थित उर्वशी मंदिर पर दिए बयान को लेकर तीर्थ पुरोहितों में गुस्सा है, और इस विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। अभिनेत्री के इस बयान को लेकर चारधाम तीर्थ महापंचायत और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।
बयान का तात्पर्य
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उर्वशी रौतेला यह दावा करती नजर आ रही हैं कि बदरीनाथ धाम स्थित उर्वशी मंदिर उनके नाम पर है। इसके साथ ही अभिनेत्री ने यह भी कहा कि दक्षिण भारत में भी इस नाम से मंदिर स्थापित किया जाना चाहिए। उनका यह बयान सनातन धर्म और उर्वशी देवी में आस्था रखने वाले भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना जा रहा है।
तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा
उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता प्रशांत डिमरी ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि इसने सनातन धर्म और उर्वशी देवी के भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय लोग और तीर्थ पुरोहित इस बयान से नाराज हैं।
ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के केंद्रीय अध्यक्ष उमेश सती ने कहा कि उर्वशी रौतेला और सोशल मीडिया चैनल संचालकों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका यह भी कहना था कि इस प्रकार के बयान से धार्मिक स्थलों की पवित्रता को नुकसान पहुंच सकता है और यह धार्मिक विश्वासों का उल्लंघन है।
दायर किए गए ज्ञापन
इस विवाद के बाद चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी को ज्ञापन सौंपा है। इन प्रतिनिधियों में उमेश सती, मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, प्रवक्ता प्रशांत डिमरी, सुरेश हटवाल और मनीष कोठियाल प्रमुख रूप से शामिल थे।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। कई लोग उर्वशी रौतेला के बयान की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इस पर अपनी असहमति जाहिर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर तीर्थ पुरोहितों और आम जनता की भावनाएं आहत हो रही हैं, और यही वजह है कि इस विवाद ने बड़े पैमाने पर तूल पकड़ लिया है।
आगे की कार्रवाई
अब यह देखना होगा कि इस मामले में पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार किस तरह की कार्रवाई करते हैं। तीर्थ पुरोहितों की ओर से लगातार इस बयान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है, और मामले में त्वरित न्याय की उम्मीद जताई जा रही है।
यह घटना दर्शाती है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ी बातें सार्वजनिक रूप से बहुत सावधानी से की जानी चाहिए, ताकि किसी भी समुदाय के विश्वास को ठेस न पहुंचे। उर्वशी रौतेला के इस बयान ने उन्हें विवादों के घेरे में ला खड़ा किया है, और अब यह मामला कानून और समाज के बीच सामंजस्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा।