उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में रविवार रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने न सिर्फ एक परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। हादसा रात करीब 10 बजे खड्डा-पडरौना मार्ग पर शुक्ल भुजौली गांव के पास हुआ, जब बारात में जा रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। इस दर्दनाक घटना में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा
घटना की जानकारी के अनुसार, आठ लोग एक बारात में शामिल होने के लिए कार (UP 32 JC 6660) से देवगांव जा रहे थे। कार जैसे ही शुक्ल भुजौली गांव के समीप पहुंची, वह अचानक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और अंदर बैठे लोग बुरी तरह फंस गए। टक्कर की तेज आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।
गैस कटर से निकाले गए शव
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। चूंकि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, इसलिए घायलों और मृतकों को निकालने के लिए गैस कटर का सहारा लेना पड़ा। तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि बाकी पांच को गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान तीन और लोगों ने दम तोड़ दिया।
मृतकों की पहचान
हादसे में जिन छह लोगों की मौत हुई, उनमें अधिकांश रामकोला के नरायणपुर चरगहां गांव के निवासी थे। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई-:
-ओमप्रकाश मद्धेशिया (33) पुत्र राम किशुन – कार चालक
-रंजीत मद्धेशिया पुत्र राजेंद्र मद्धेशिया
-मुकेश पुत्र रामानंद
-भीम यादव पुत्र लक्ष्मण
-एक अन्य अज्ञात युवक जिसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है
घायलों की हालत गंभीर
घायलों में राज किशोर पुत्र हरिश्चंद्र और बजरंगी पुत्र शंकर निवासी ग्राम अहिरौली शामिल हैं। दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें तत्काल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि यह हादसा तेज रफ्तार के कारण हुआ। कार चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट गया था, जिससे यह दुखद घटना घटी। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही, उन्होंने घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं।
गांव में पसरा मातम
हादसे के बाद नरायणपुर चरगहां और आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जिस बारात में ये लोग शामिल होने जा रहे थे, वह खुशी का माहौल अब गहरे मातम में बदल गया है। स्थानीय लोग प्रशासन से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे हैं।
सड़क हादसों पर एक बार फिर सवाल
यह हादसा एक बार फिर से तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाने की खतरनाक प्रवृत्ति पर सवाल खड़े करता है। गांवों और कस्बों की सड़कों पर अक्सर ओवरलोडिंग, खराब रोशनी और असावधानी ऐसे हादसों की वजह बनती हैं। सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका पालन कितना हो रहा है, यह इस हादसे ने स्पष्ट कर दिया।