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चारधाम यात्रा : उत्तराखंड में श्रद्धालुओं के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 60 काउंटर खुलेंगे, ऑनलाइन पंजीकरण 14 लाख पार

उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण एक अनिवार्य प्रक्रिया बन चुकी है। इस बार सरकार ने चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए पंजीकरण के लिए बेहतर व्यवस्था की है। यात्रा पर जाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, और इसके लिए 60 ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर खोले जाएंगे। इन काउंटरों को खोलने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना पंजीकरण आए श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इन काउंटरों की संख्या इस बार दोगुनी से भी ज्यादा की जा रही है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।

ऑनलाइन पंजीकरण में भारी वृद्धि

चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा अब तक 14 लाख से ज्यादा हो चुका है। यह ऑनलाइन पंजीकरण श्रद्धालुओं के लिए यात्रा की सुगमता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया था। ऑनलाइन पंजीकरण के तहत 60% श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया गया है, जबकि बाकी 40% पंजीकरण ऑफलाइन किए जाएंगे।

यात्रा के दौरान, खासतौर पर बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश श्रद्धालु बिना पंजीकरण के आते हैं और उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए इस बार पंजीकरण काउंटरों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

ऑफलाइन पंजीकरण काउंटरों का विस्तार

इस बार ऑफलाइन पंजीकरण के लिए कुल 60 काउंटर खोले जा रहे हैं। ये काउंटर हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर सहित यात्रा मार्गों पर कुछ प्रमुख स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे। हरिद्वार में 12, ऋषिकेश में 20 और विकासनगर में 15 काउंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा, श्रीनगर, उत्तरकाशी, बड़कोट, पांडुकेश्वर और हीना जैसे यात्रा मार्गों के प्रमुख स्थानों पर भी दो-दो काउंटर खोले जाएंगे।

केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग में भी एक काउंटर खोले जाने की योजना है। पंजीकरण के ये काउंटर यात्रा शुरू होने से तीन दिन पहले ही सक्रिय हो जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी न हो। शुरुआती 15 दिनों में यह काउंटर 24 घंटे सक्रिय रहेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

पंजीकरण प्रक्रिया और यात्रा की व्यवस्था

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। पंजीकरण काउंटरों पर हर श्रद्धालु को आधार कार्ड, पासपोर्ट या अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीकरण कराना होगा। इस प्रक्रिया में ऑनलाइन पंजीकरण के मुकाबले ऑफलाइन पंजीकरण में ज्यादा समय लग सकता है, लेकिन काउंटरों की बढ़ी हुई संख्या से श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराने का अवसर मिलेगा।

यात्रा के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, यात्रा मार्गों पर हर 5 किलोमीटर पर मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, श्रद्धालुओं को यात्रा से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।

अगले कदम और यात्रा की तैयारी

उत्तराखंड सरकार ने इस बार चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां पहले से ही सुनिश्चित की हैं। यात्रा मार्गों पर कड़ी निगरानी रखने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। इस प्रकार की व्यवस्था से न केवल यात्रा को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर होटल, गेस्ट हाउस और अन्य सुविधाओं को लेकर भी सरकार द्वारा कदम उठाए गए हैं। इन कदमों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान हर प्रकार की सुविधा और सुरक्षा मिले।

चारधाम यात्रा के पंजीकरण काउंटरों का विस्तार और ऑनलाइन पंजीकरण की संख्या में वृद्धि से यह सुनिश्चित किया गया है कि अधिक से अधिक श्रद्धालु यात्रा में भाग ले सकें और उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इससे न केवल यात्रा का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि उत्तराखंड के चारधाम तीर्थ स्थलों के महत्व को बढ़ावा भी मिलेगा।