Homeउत्तराखण्डविभाग वन्यजीव संघर्ष रोकने में विफल

विभाग वन्यजीव संघर्ष रोकने में विफल

अल्मोड़ा : मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं, डॉ. धीरज पांडे ने लोक प्रबंध विकास संस्था के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा की. इस दौरान वनाग्नि की रोकथाम और मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर गंभीर चर्चाएं हुईं. बैठक में विभाग पर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में विफलता का आरोप भी लगाया गया.

गुरुवार को बिनसर में आयोजित इस बैठक में प्रमुख सामाजिक संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों ने वनाग्नि नियंत्रण और वन्यजीव संघर्ष की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया. प्रतिनिधियों ने मुख्य वन संरक्षक को 14-सूत्रीय सुझाव पत्र सौंपा, जिसमें फील्ड स्तर पर कर्मचारियों की कमी, वन विभाग और समुदाय के बीच संवादहीनता, फायरवॉचरों की नियुक्ति और मजदूरी भुगतान में अनियमितताएं, उपकरणों की कमी, अग्नि बटियाओं का समाप्त होना, परंपरागत हक-हकूक में कटौती जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया गया.

मुख्य वन संरक्षक डॉ. धीरज पांडे ने सुझावों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस बैठक में वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं वृत्त अल्मोड़ा कोको रोशे, प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम पीके धौला खंडी, लोक प्रबंध विकास संस्था के संचालक ईश्वर जोशी, वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष सुंदर सिंह पिल्ख्वाल, महेश कुमार, दीप्ति भोजक, पूजा बोरा, अशोक भोज और वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

ग्रामीणों की चेतावनी: बंदर छोड़े तो विभाग पर करेंगे मुकदमा
हवालबाग ब्लॉक के एक गांव में बंदर छोड़ने पहुंचे तीन लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बार-बार यहां अन्य स्थानों से बंदर लाकर छोड़े जा रहे हैं, जिससे बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर बंदरों को गांव में छोड़ा गया, तो वे वन विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे.

ग्रामीणों के अनुसार, हवालबाग विकासखंड के ग्राम पंचायत गेवापानी और मनाऊं में बंदरों का आतंक पहले से ही फैला हुआ है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग अन्य स्थानों से बंदरों को पकड़कर उनके गांव में छोड़ रहा है, जिससे खेती-बाड़ी चौपट हो गई है. बुधवार को भी एक टीम बंदर छोड़ने आई थी, जिन्हें ग्रामीणों ने पकड़कर छोड़ दिया. गुरुवार को विभाग द्वारा बंदर पकड़ने के लिए टीम भेजी गई, जिसमें कुछ बंदर पकड़े गए. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में बंदरों को उनके गांव में छोड़ा गया, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे.

काफल ट्री लाइव के वाट्सएप्प ग्रुप से जुड़े : काफल ट्री लाइव वाट्सएप्प ग्रुप

यूट्यूब पर हमारी चुनिन्दा रपट देखें : काफल ट्री लाइव यूट्यूब
फेसबुक में हमें फॉलो करें : काफल ट्री लाइव फेसबुक
इंस्टाग्राम पर हमें फॉलो करें : काफल ट्री लाइव इंस्टाग्राम