Homeउत्तराखण्डमिट्टी की जांच: फसल उत्पादन बढ़ाने का प्रभावी उपाय

मिट्टी की जांच: फसल उत्पादन बढ़ाने का प्रभावी उपाय

अल्मोड़ा: कृषि विभाग द्वारा कोसी में संचालित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला किसानों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो रही है. यहां किसान अपनी मिट्टी की जांच कर, कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगा रहे हैं.

कृषि विभाग ने इस वर्ष 9000 मिट्टी के नमूने जांचने का लक्ष्य निर्धारित किया है. नमूनों की जांच 12 विभिन्न मानकों पर आधारित है.

प्रयोगशाला में किसान अपनी मिट्टी की जांच करवा सकते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरकता का सही आकलन कर फसलों का सही चुनाव किया जा सकता है. इससे फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है. – विनोद शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी

मृदा परीक्षण के दौरान नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, लोहा, कॉपर, मैगनीज, बोरॉन, पीएच, ईसी, और ओसी जैसे तत्वों की स्थिति का आकलन किया जाता है. इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि मिट्टी में कितनी मात्रा में खाद, उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत है. इसके बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है.

अधिकारियों के अनुसार, मिट्टी के नमूनों में पोटाश की पर्याप्त मात्रा पाई गई है, जबकि नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, जिंक, लोहा, कॉपर, मैगनीज और बोरॉन की मात्रा मध्यम पाई गई है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में कमी दर्ज की जा रही है.

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