अब राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों को रोजाना भारी बस्ते के साथ किताबें और कॉपियां नहीं ले जानी पड़ेंगी. शिक्षा विभाग ने बस्तों के वजन को लेकर नए मानकों को लागू कर दिया है. उपनिदेशक बेसिक शिक्षा, एसएस चौहान ने सभी सीईओ और डीईओ को पहली से 12वीं कक्षा के लिए तय वजन के मानक जारी कर दिए हैं, और इन्हें सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. अब प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक बस्ते का वजन 1.6 किलोग्राम से अधिकतम पांच किलोग्राम तक सीमित होगा.
यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लिया गया है, जिसके तहत सरकार ने पहले ही महीने में एक दिन बस्ता रहित करने की व्यवस्था शुरू कर दी थी. बस्तों के बढ़ते बोझ के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था, इसलिए छात्र की आयु और उसके औसत वजन के अनुसार बस्ते का वजन निर्धारित करने का निर्णय लिया गया.
हाल ही में सरकार ने शिक्षा विभाग के इस संबंध में किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दी और नए मानकों को लागू करने का आदेश जारी किया है. सभी कक्षाओं के लिए तय किए गए वजन मानकों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए मैत्रीपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने पर जोर दिया गया है.
बस्तारहित दिवस की व्यवस्था और बस्ते के वजन को कम करना भी इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.
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