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उत्तराखंड में ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाओं के समान सरकारी मोबाइल एप बनेगा, पढ़े यात्रा कैसे बनेगी सुविधाजनक, क्या आएंगे बदलाव

उत्तराखंड में ओला और उबर जैसी निजी टैक्सी सेवाओं के समान सरकारी मोबाइल एप्लिकेशन का निर्माण किया जाएगा। यह कदम राज्य सरकार द्वारा उठाया जा रहा है, ताकि यात्रा और परिवहन के क्षेत्र में और अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बदलाव लाए जा सकें। राज्य के परिवहन सचिव, बृजेश कुमार संत ने उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ की बैठक में इस संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। यह एप्लिकेशन विशेष रूप से टैक्सी ड्राइवरों और यात्रियों के बीच जुड़ाव को बेहतर बनाएगा और सेवा प्रदाताओं को सरकार के निगरानी तंत्र के तहत लाएगा, जिससे अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता होगी।

लोग अपनी यात्रा की बुकिंग स्मार्टफोन के जरिए आसानी से कर सकेंगे
यह एप्लिकेशन ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाओं के मॉडल पर आधारित होगा, जिससे लोग अपनी यात्रा की बुकिंग स्मार्टफोन के जरिए आसानी से कर सकेंगे। यह एप्लिकेशन न केवल यात्रियों के लिए बल्कि ड्राइवरों के लिए भी सुविधाजनक होगा, क्योंकि इसके माध्यम से वे अपनी सेवाओं को रजिस्टर कर सकेंगे, अपनी कमाई की निगरानी कर सकेंगे, और सरकार से आवश्यक सभी लाइसेंस और अनुमतियां प्राप्त कर सकेंगे। इस तरह, यह एप्लीकेशन टैक्सी सेवा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देगा और पारंपरिक परिवहन प्रणालियों को आधुनिक करेगा।

देहरादून में वाहनों की मैन्युअल फिटनेस जांच को फिर से शुरू करने पर चर्चा
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि देहरादून में वाहनों की मैन्युअल फिटनेस जांच को फिर से शुरू किया जाए। इस संबंध में सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से इस विषय पर पत्राचार करें। वर्तमान में, मैन्युअल फिटनेस जांच प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया था क्योंकि डोईवाला में फिटनेस सेंटर की स्थापना के बाद ऑटोमेटेड जांच का तरीका अपनाया गया था।

बाहरी राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए 15 दिन का ग्रीन कार्ड जारी करने पर भी मंथन

साथ ही, बैठक में चारधाम यात्रा के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए 15 दिन का ग्रीन कार्ड जारी करने पर भी चर्चा की गई। सचिव परिवहन ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी है और अब जल्दी ही इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा। यह ग्रीन कार्ड खासतौर पर यात्रा सीजन के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए जारी किया जाएगा, जबकि राज्य के भीतर के वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड पूरे यात्रा सीजन के लिए वैध रहेगा।

इस प्रकार, इन कदमों के माध्यम से राज्य सरकार न केवल टैक्सी सेवा क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास कर रही है, बल्कि यात्री सुरक्षा, सुविधाजनक परिवहन और पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रख रही है। आने वाले समय में यह पहल उत्तराखंड के परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का कारण बनेगी।