कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) ने कैलास मानसरोवर पर्वत के दर्शन की इच्छा रखने वालों के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है. यह सेवा 25 सितंबर से 22 अक्टूबर तक उपलब्ध होगी.
पिथौरागढ़ जिले के ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से MI-17 हेलिकॉप्टर से अगले हफ्ते से यह दर्शन शुरू हो जाएंगे. कैलाश पर्वत चीन आधिपत्य वाले तिब्बत में है.
इस पहले चरण में 15-15 यात्रियों के चार दलों को पिथौरागढ़ के ओल्ड लिपुलेख दर्रे से कैलास पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे. यात्रियों को निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर से चार दिन की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति लगभग 70-75 हजार रुपये खर्च करने होंगे.
यह यात्रा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूपीडीपी) के सहयोग से की जा रही है, जिसमें केएमवीएन नोडल एजेंसी है. सभी यात्रियों को पिथौरागढ़ पहुंचना होगा. दूसरे दिन, वे हेली सेवा के जरिए गुंजी जाएंगे. तीसरे दिन, केएमवीएन के वाहनों से गुंजी से नाभीढांग तक यात्रा होगी, जहां से ओम पर्वत का नजारा देखने का मौका मिलेगा.
नाभीढांग से यात्री ओल्ड लिपुलेख पास के करीब आठ किमी के ट्रैक से व्यू प्वाइंट तक जाएंगे, जहां से कैलास मानसरोवर पर्वत के दर्शन होंगे. ध्यान रहे, श्रद्धालुओं को दो बजे से पहले दर्शन कर लेने होंगे. चौथे दिन, हेली सेवा के माध्यम से वापस पिथौरागढ़ लौटेंगे.
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