मुंबई आतंकी हमलों का दोषी तहव्वुर राणा आखिरकार अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक, राणा को स्पेशल विमान से भारत भेजा जा रहा है और वह आज (9 अप्रैल) भारत पहुंचेगा। राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा और एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा। आइए जानते हैं तहव्वुर राणा के बारे में विस्तार से, और यह भी कि भारत पहुंचने के बाद उसकी आगे की कानूनी प्रक्रिया क्या होगी।
तहव्वुर राणा कौन है
तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसे 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाने का आरोपी माना जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सक्रिय सदस्य था और आतंकी डेविड हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था। राणा ने डेविड हेडली को महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रदान किए थे और उसे मुंबई में हमले के संभावित स्थानों की रेकी करने में मदद की थी। मुंबई हमले में कुल 164 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकियों का भी शामिल थे।
तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण
भारत लंबे समय से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा था। दिसंबर 2019 में भारत ने अमेरिका से राणा के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की थी। इस दौरान, अमेरिकी अदालतों में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर लंबी सुनवाई हुई, और अंततः भारत को उसकी वापसी मिल गई। राणा की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय सरकार से आश्वासन मांगा था, जिसे भारत ने स्वीकार किया। इसके बाद, अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय एजेंसियों को सूचित किया कि राणा को उनके स्पेशल विमान से भारत लाया जा रहा है।
भारत में क्या होगा
भारत पहुंचने के बाद, तहव्वुर राणा को दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत में पेश किया जाएगा। एनआईए राणा से हिरासत में पूछताछ कर सकती है, ताकि मुंबई हमलों से जुड़े और महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हो सके। राणा के खिलाफ आरोप है कि उसने मुंबई हमलों की साजिश रचने में डेविड हेडली की मदद की और उसे वित्तीय और रसद सहायता प्रदान की। जांच अधिकारियों का मानना है कि राणा को मुंबई हमले के बारे में पूरी जानकारी थी और वह हमलावरों के लिए महत्वपूर्ण मददगार था।
तहव्वुर राणा के खिलाफ आरोप
तहव्वुर राणा पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें मुंबई हमलों की साजिश में शामिल होने, आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने और हमले की रेकी करने की भूमिका है। एनआईए ने दिसंबर 2011 में आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें राणा, डेविड हेडली और छह अन्य व्यक्तियों पर हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने का आरोप लगाया गया था। आरोप पत्र में 134 गवाहों के बयान और 210 दस्तावेज़ शामिल हैं, जो राणा की संलिप्तता को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं।
इसके अलावा, राणा की भूमिका और उसकी यात्रा रिकॉर्ड से यह संकेत मिलता है कि उसने मुंबई हमलों से पहले कुछ महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा किया था, जिसमें दिल्ली, आगरा, कोच्चि और मुंबई जैसे स्थान शामिल थे। जांच एजेंसियों को यह जानने की जरूरत है कि राणा की इन यात्राओं का क्या उद्देश्य था और क्या वह हमलावरों के लिए योजना बनाने में सक्रिय था।
राणा की गिरफ्तारी के बाद की प्रक्रिया
भारत पहुंचने के बाद, राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसकी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी। एनआईए ने तिहाड़ जेल में राणा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की योजना बनाई है, ताकि उसकी जान को कोई खतरा न हो। इसके बाद, एनआईए अदालत में राणा की सुनवाई होगी, जहां उसे उसकी भूमिका और मुंबई हमलों से जुड़ी घटनाओं पर पूछताछ की जाएगी।
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, राणा के पास कई अहम जानकारियां हो सकती हैं, जो मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड के बारे में अधिक जानकारी दे सकती हैं। उसके पास हमले की योजना, उसके वित्तीय स्रोत, और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के बारे में मूल्यवान जानकारियां हो सकती हैं। राणा से पूछताछ के दौरान, भारत में चल रहे आतंकवादियों के नेटवर्क को खत्म करने में भी मदद मिल सकती है।
तहव्वुर राणा की भारत वापसी भारत के लिए बड़ी सफलता
तहव्वुर राणा की भारत वापसी भारत के लिए बड़ी सफलता है, क्योंकि वह मुंबई हमले का एक महत्वपूर्ण आरोपी है और उसकी गिरफ्तारी से हमले के बारे में और अधिक खुलासे हो सकते हैं। भारतीय एजेंसियां उसकी पूरी संलिप्तता को उजागर करने के लिए तत्पर हैं, और इससे न केवल 26/11 के हमलों से जुड़े लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी, बल्कि देश की सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
अब यह देखना होगा कि राणा के साथ भारत में आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसे सामने आती है और क्या वह अपनी भूमिका के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी देता है जो और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायक हो सकती है।