रानीखेत: आयुष विभाग जल्द ही हिमालयी जड़ी-बूटियों के लिए मानक तय करने जा रहा है. अब तक मानक तय न होने के कारण बाजार में आयुर्वेदिक दवाओं के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी. यह जानकारी गुरुवार को क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. ओम प्रकाश ने दी.
उन्होंने बताया कि पिछले सौ दिनों में मंत्रालय के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ दाता समझौता और वियतनाम के साथ औषधीय पौधों को लेकर समझौता किया गया है.
“एक जड़ी-बूटी, एक मानक” पहल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके तहत जड़ी-बूटियों के मानक निर्धारित किए जाएंगे. इससे आयुर्वेदिक दवाओं में धोखाधड़ी पर रोक लगेगी.
आयुष औषधियों के लिए विशेष मेडिकल स्टोर्स स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. संस्थान में लोक प्रजातिक वानस्पतिक सर्वेक्षण, वहिरंग विभाग और पंचकर्म के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.
इसके अलावा, प्रदर्शनात्मक औषधि पदक उत्थान के तहत संस्थान के पास दो औषधि पादक उद्यान भी हैं. वृद्धजनों के लिए आयुष शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है.
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