जयपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को कहा कि आज, जब दुनिया के कई हिस्सों में अशांति फैली हुई है, शांति और एकता का महत्व पहले से अधिक बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को यह समझना चाहिए कि वह इस धरती का मालिक नहीं, बल्कि इसके संरक्षण के लिए जिम्मेदार है.
राष्ट्रपति आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं, जिसका विषय ‘स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिकता’ है. उन्होंने कहा कि आज विश्व के कई हिस्सों में अशांति का माहौल व्याप्त है और मानवीय मूल्यों का क्षरण हो रहा है.
ऐसे समय में शांति और एकता का महत्व और भी बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि शांति केवल बाहरी स्थिति नहीं है, बल्कि यह हमारे मन की गहराइयों में होती है. जब हम भीतर से शांत होते हैं, तभी हम दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम का भाव रख सकते हैं. इसलिए मन, वचन और कर्म को शुद्ध रखना आवश्यक है.
राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब हम ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और पर्यावरण प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों से जूझ रहे हैं, तो इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने चाहिए.
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