उत्तराखंड में बुधवार को भीषण गर्मी के बीच मौसम ने अचानक करवट बदली और पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का दौर शुरू हो गया। चमोली जिले के थराली क्षेत्र में तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई। कई गांवों में तूफानी हवाओं के साथ हुई तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए और जगह-जगह मलबा फैल गया।
मूसलाधार बारिश के चलते भारी मात्रा में मलबा आया, जिसमें दो दर्जन से अधिक गाड़ियां दब गईं। कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं और लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। थराली देवाल मुख्य मोटर मार्ग सहित छह प्रमुख सड़कें मलबे के कारण बाधित हो गईं। प्रशासन ने तीन घंटे बाद जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया और यातायात बहाल करने की कोशिश की।
इस बीच ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी। गेहूं, सरसों, मसूर जैसी फसलों के साथ ही बागवानी और फल पौधों को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में ओलों की चादर बिछ गई, जिससे फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
हल्द्वानी और नैनीताल जिले में भी शाम छह बजे के करीब अचानक तेज आंधी और बारिश हुई। इस दौरान कुछ समय तक ओले भी गिरे। कर्णप्रयाग और आसपास के इलाकों में दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और चारों ओर अंधेरा छा गया। लगातार बिजली की चमक और तेज गर्जना से लोग सहम गए।
लगातार तीन घंटे हुई बारिश से गधेरे और नालों में उफान आ गया। थराली के मुख्य बाजार में दुकानों के अंदर मलबा और पानी घुस गया, जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ। दुकानों का सामान खराब हो गया और सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई।
प्रभावित क्षेत्रों के किसानों और व्यापारियों ने प्रशासन से तुरंत सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक पहाड़ी इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है, जिससे प्रशासन को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।