लौटते मानसून से उत्तराखंड में खूब तबाही मचाई है. भारी बारिश के बाद कुमाऊं मंडल के सीमांत इलाकों की सभी सड़कें बंद हो चुकी थी. भारी बारिश की वजह से आदि कैलाश यात्रा में गये 65 लोग फंस गये थे. रविवार को हेलिकॉप्टर के जरिए इन लोगों को अलग-अलग जगहों पर भेजा गया.
(Rescue Operation in Adi Kailash)
कुमाऊं मंडल के उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे सभी यात्रियों और स्थानीय लोगों अब रेस्क्यू कर लिया गया है. सभी सड़कें बंद होने से फंसे लोगों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. खबर थी कि अधिकांश यात्री पिथौरागढ़ के आदि कैलाश क्षेत्र में फंसे हुए थे, ये लोग आदि कैलाश दर्शन के लिए गए थे.
13 सितंबर को हुई भारी बारिश के कारण तमिलनाडू, पंजाब, दिल्ली से आये यात्री आदि कैलाश में फंस गये थे. बारिश कि वजह से आदि कैलाश यात्रा मार्ग तवाघाट के पास चैतलधार और कुछ अन्य स्थानों पर भूस्खलन होने कारण बंद हो गया था. तमिलनाडू के 30 यात्री बुदी में फंसे थे, पंजाब के 10 यात्री और दिल्ली का एक यात्री खेला में फंस गए थे.
(Rescue Operation in Adi Kailash)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी में यह रेस्क्यू अभियान चला था. यात्रियों को सकुशल निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और देश-विदेश के यात्री सुरक्षित माहौल में यात्रा कर सकें. इसके लिए सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.
बूदी में फंसे तमिलनाडु के 30 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर धारचूला में सेना के हेलीपैड पहुंचाया गया. नारायण आश्रम में भी कुछ यात्रियों के होने की खबर है खबर है कि उन्हें आज हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
लोकल प्रशासन के का कहना है कि दो से तीन दिन में सड़क मार्ग को दुरुस्त कर दिया जाएगा. भूस्खलन के कारण चैतलधार में काफी मलबा आया है. बीआरओ की टीम काम कर रही है और जल्द रास्ते को खोल दिया जाएगा.
(Rescue Operation in Adi Kailash)