देहरादून: उत्तराखंड में अब सचिवालय सहित सभी सरकारी दफ्तरों में फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल साइट्स का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है. 2 अक्टूबर को आईटीडीए डाटा सेंटर पर हुए साइबर हमले के बाद प्रदेश सरकार ने तकनीकी सुरक्षा के तहत कई सख्त कदम उठाए हैं.
आईटी सचिव नितेश झा ने मंगलवार को आईटीडीए मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए इसे ‘रैनसमवेयर अटैक’ करार दिया. उन्होंने बताया कि देश और दुनिया में ऐसे हमले होते रहते हैं, लेकिन उत्तराखंड में यह पहला मामला था. इस हमले में सबसे पहले पुलिस के सीसीटीएनएस पोर्टल को निशाना बनाया गया, जिसके जरिए मालवेयर डाटा सेंटर में प्रवेश कर गया.
झा ने बताया कि साइबर हमले को समय रहते पकड़ लिया गया, जिससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ. डाटा सेंटर के सभी सिस्टम को अब ठीक कर दिया गया है, और सुरक्षा के दृष्टिकोण से फिलहाल सारे कंप्यूटर आइसोलेशन में काम कर रहे हैं. इस दौरान आईटी सचिव और आईटीडीए निदेशक निकिता खंडेलवाल, केंद्र-राज्य के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ स्थिति को सुधारने के लिए मुख्यालय में उपस्थित रहीं.
सिक्योरिटी ऑडिट और जीरो ट्रस्ट पॉलिसी:
आईटी सचिव ने आगे बताया कि भविष्य में साइबर हमलों से बचने के लिए जीरो ट्रस्ट पॉलिसी लागू की जाएगी. इसके तहत एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की जाएगी, और बिना सिक्योरिटी ऑडिट के कोई भी सिस्टम नहीं चलाया जाएगा. इसके अलावा, स्वान नेटवर्क में भी सुरक्षा पैच लगाए जाएंगे.
सरकारी वेबसाइटों से जुड़ी हर एप्लीकेशन और सिस्टम का सिक्योरिटी ऑडिट भी शुरू कर दिया गया है, जिसकी जिम्मेदारी नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विस (एनआईईएसआई) को सौंपी गई है.
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