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देहरादून में उत्तराखंड की पहली बटरफ्लाई गैलरी

देहरादून के जॉली ग्रांट में स्थित प्रकृति शिक्षा केंद्र में उत्तराखंड वन विभाग ने राज्य की पहली बटरफ्लाई गैलरी की स्थापना की है. बटरफ्लाई गैलरी, उत्तराखंड में पाई जाने वाली तितलियों की विविध प्रजातियों की हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों को प्रदर्शित करती है.
(Uttarakhand 1st butterfly gallery)

यह गैलरी न केवल एक प्रदर्शनी स्थल है, बल्कि एक शैक्षिक और जागरूकता मंच के रूप में भी कार्य करती है. यहाँ परागण में तितलियों की भूमिका, खाद्य श्रृंखलाओं में तितलियों का योगदान और समग्र पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में तितलियों की हिस्सेदारी जैसे, उनके पारिस्थितिक महत्व को समझाया जाता है गैलरी का उद्देश्य तितलियों की उपयोगिता के बारे में जानकारी देकर,  उनके संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देना और तितलियों की सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है.

उत्तराखंड की तितली विविधता

उत्तराखंड में लगभग 500 विभिन्न प्रजातियों की तितलियाँ पाई जाती हैं. इस गैलरी में इनमें से 105 प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है, जो पाँच अलग-अलग परिवारों, पापिलियोनिडी (Papilionidae), हेस्पेरिडी (Hesperidae), लाइसीनिडी (Lycaenidae),  निम्फालिडी (Nymphalidae), पियरिडी (Pieridae) से संबंधित हैं.
(Uttarakhand 1st butterfly gallery)

यह बटरफ्लाई गैलरी, वन संरक्षक (अनुसंधान शाखा) संजीव चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में यह गैलरी स्थापित की गई है. संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि यहाँ तितलियों के व्यवहार के बारे में रोचक जानकारी भी दी गई है. उदाहरण के लिए, मड-पडलिंग एक ऐसा व्यवहार है जिसमें तितलियाँ नम मिट्टी पर एकत्रित होती हैं ताकि अपने जीवन और प्रजनन के लिए जरूरी पोषक तत्व प्राप्त कर सकें. यहाँ तितली के जीवन चक्र को भी देखा जा सकता है. यह चक्र अंडे से शुरू होकर कैटरपिलर, प्यूपा और अंत में खूबसूरत वयस्क तितली तक की यात्रा को दर्शाता है.

मोनार्क तितली का अद्भुत प्रवास

गैलरी का एक और खास आकर्षण है मोनार्क तितली के प्रवास की जानकारी और मानचित्र प्रदर्शन. यह प्रदर्शनी दुनिया के सबसे असाधारण प्रवास घटनाओं में से एक को दर्शाती है. मोनार्क तितली लगभग 4800 किलोमीटर की दूरी तय करती है, जिसमें चार पीढ़ियाँ शामिल होती हैं. इसके साथ ही, यहाँ रवींद्रनाथ टैगोर और रॉबर्ट फ्रॉस्ट जैसे महान कवियों द्वारा तितलियों पर लिखी गई सुंदर कविताएँ भी प्रदर्शित की गई हैं. गैलरी में उत्तराखंड की कुछ खास तितली प्रजातियों को भी हाइलाइट किया गया है.
(Uttarakhand 1st butterfly gallery)

कॉमन पीकॉक: यह एक आकर्षक स्वैलोटेल तितली है, जिसके पंखों में नीले-हरे रंग की चमक होती है. यह उत्तराखंड की राज्य तितली भी है.

इंडियन ओकलीफ: यह तितली छिपने में माहिर है और बंद पंखों के साथ सूखे ओक पत्ते की तरह दिखती है.

स्पैंगल: एक चमकदार काली स्वैलोटेल तितली, जो अपनी सुंदरता से ध्यान आकर्षित करती है.

कॉमन रोज: इस तितली का लाल शरीर और काले पंख इसे विशिष्ट बनाते हैं.

इंडियन रेड एडमिरल: ऊँचे क्षेत्रों में पाई जाने वाली यह मजबूत तितली अपने लाल और काले निशानों के लिए जानी जाती है.

प्राधिकरणों का कहना है कि यह गैलरी उत्तराखंड की तितली विविधता को प्रदर्शित करने के साथ-साथ इन पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण प्रजातियों के प्रति लोगों में गहरी रुचि और सम्मान पैदा करना चाहती है.
(Uttarakhand 1st butterfly gallery)

मेजबान पौधों की जानकारी इस गैलरी की एक और खास विशेषता यह है कि यहाँ विभिन्न तितली प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण मेजबान पौधों के बारे में जानकारी दी गई है. उदाहरण के लिए: एस्टोर पेड़ कॉमन कास्टर तितली के लिए मेजबान का काम करता है. लैमिएसी परिवार के पौधे लेमन तितली के लिए जरूरी हैं. ये जानकारी गैलेरी में आने वालों को यह समझने में मदद करती है कि तितलियों का जीवन पौधों के साथ कितना जुड़ा हुआ है और उनके संरक्षण के लिए इन पौधों को बचाना भी कितना जरूरी है.

-काफल ट्री लाइव डेस्क