उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के घिंघारी गांव में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब दो युवा छात्र योगेश और करन बोहरा की सिरौता नदी में डूबने से मौत हो गई। ये दोनों दोस्त, जो उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के बाद अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे, परिणाम देखने से पहले ही अपनी जान गंवा बैठे। शनिवार को जब रिजल्ट जारी हुआ, तो यह दुखद खबर सामने आई कि दोनों मित्र द्वितीय श्रेणी में पास हो गए थे, लेकिन अफसोस यह है कि उन्होंने अपना सफलता देखा ही नहीं।
नदी में डूबने की घटना
ताड़ीखेत ब्लॉक के घिंघारी गांव निवासी योगेश और करन बोहरा शुक्रवार को सिरौता नदी में नहाने गए थे, जहां वे अचानक गहरे पानी में डूब गए। घटना के बाद दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और फिर परिजनों को सौंप दिया गया। शनिवार को जब उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट आया, तो दोनों के द्वितीय श्रेणी में पास होने की जानकारी मिली, लेकिन यह खुशी उनके परिवार के लिए एक शोकपूर्ण याद बनकर रह गई।
परिवार की दिल दहला देने वाली प्रतिक्रियाएं
दोनों युवाओं के परिजनों का कहना था कि काश उन्होंने रिजल्ट देख लिया होता, और उनके चेहरों पर सफलता की मुस्कान देख पाते। माता-पिता और रिश्तेदारों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि वे यह सोच रहे थे कि अगर दोनों आज जिंदा होते तो कितनी खुशी होती। योगेश और करन की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए लोगों की जुबां पर यही बात थी कि यदि वे आज जिंदा होते तो यह एक महान अवसर होता।
स्कूल के प्रधानाचार्य का बयान
योगेश और करन दोनों राजकीय इंटर कॉलेज कुनेलाखेत के छात्र थे। स्कूल के प्रधानाचार्य डीएस नेगी ने दोनों के निधन पर गहरी शोक व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह दोनों छात्र न केवल पढ़ाई में अच्छे थे, बल्कि उनके स्वभाव में भी बहुत सादगी और अनुशासन था। प्रधानाचार्य ने कहा, हमने दो होनहार और मेहनती युवाओं को खो दिया है, जो हमेशा अपने काम में ईमानदार रहते थे। दोनों के निधन ने स्कूल और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ा दी। उनके साथी छात्र और शिक्षक सभी इस दुःख को सह नहीं पा रहे थे। प्रधानाचार्य ने यह भी कहा कि उनके खोने से स्कूल में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है, जिसे कभी भी पूरा नहीं किया जा सकेगा।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
योगेश और करन की अंतिम यात्रा में गांव के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। लोग उनके अच्छाइयों को याद करते हुए यह कह रहे थे कि अगर वे आज जीवित होते तो जीवन में सफलता की ऊंचाइयां छूते। परिजनों ने दोनों के अंतिम संस्कार के बाद कहा कि वे दोनों अपने अच्छे आचरण और मेहनत के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। इस घटना ने यह दिखा दिया कि जिंदगी कितनी अनमोल और अनिश्चित होती है। इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समुदाय को गहरे दुख में डुबो दिया।