देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में मानव गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश में 42 इको लैब स्थापित की जा रही हैं. वन विभाग की अनुसंधान शाखा एक अक्टूबर से इन लैबों के माध्यम से जंगलों की निगरानी शुरू करेगी.
सीसीएफ अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक विविधता वाले जंगल हैं, जिनमें लगभग 46 प्रकार के जंगल पाए जाते हैं, जिनमें 25 प्रमुख हैं. हालांकि, इन जंगलों में हो रहे परिवर्तनों का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है, और बेसलाइन डाटा की कमी भी महसूस की जा रही है. इसलिए, पहाड़ी जनपदों में इन 42 इको लैबों की स्थापना की जा रही है.
इनमें मौसम के बदलाव के साथ जंगलों में हो रहे परिवर्तनों की मॉनीटरिंग और अध्ययन किया जाएगा, और एक अक्टूबर से सभी प्रकार का डाटा एकत्रित करना शुरू किया जाएगा.
सीसीएफ ने बताया कि उत्तराखंड में वनों की विभिन्नता और इसकी हिमालयी स्थिति के कारण इन लैबों का महत्व बहुत अधिक है. इससे प्राप्त डाटा बेसलाइन डाटा के रूप में माना जाएगा.
शोध के प्रमुख बिंदु: संजीव चतुर्वेदी के अनुसार, इन लैबों के माध्यम से दीर्घकालिक पारिस्थितिकी अनुसंधान, जैव विविधता, वृक्ष वृद्धि, प्राकृतिक पुनर्जनन, प्रजातियों की संरचना और वितरण, पारिस्थितिकी अनुक्रमण, कार्बन पृथक्करण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित कई महत्वपूर्ण शोध और आकलन किए जाएंगे.