देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, और जल्द ही उत्तराखंड जैविक उत्पादों के लिए एक प्रमुख ब्रांड के रूप में स्थापित होगा.
रविवार को अनारवाला में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में राज्य में जैविक खेती के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं. राज्य के जैविक उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए 30 अगस्त को नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनओसीएल) और उत्तराखंड सरकार के बीच एक एमओयू भी हस्ताक्षरित हुआ है. इससे राज्य के किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं. राज्य के 8.88 लाख से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. वर्तमान में उत्तराखंड में 2.23 लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड में जैविक खेती के विकास की अपार संभावनाओं का जिक्र किया है.
राज्य जैविक उत्पाद बोर्ड के प्रबंध निदेशक विनय के अनुसार, वर्तमान में 4.50 लाख से अधिक किसान जैविक खेती से जुड़े हुए हैं. राज्य में जैविक खेती का दायरा 39% है, जिसे बढ़ाकर 50% करने का लक्ष्य है.
जैविक जिलों के रूप में विकास की योजना: सरकार की योजना 11 पर्वतीय जिलों को पूर्णत: जैविक जिले के रूप में विकसित करने की है. जैविक खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती पर भी सरकार का ध्यान केंद्रित है. वर्तमान में राज्य की 39% भूमि पर जैविक खेती हो रही है, जिसे वर्ष 2025-26 तक 60% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.
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