Homeउत्तराखण्डहोम स्टे की राष्ट्रीय नीति में समाहित होंगे उत्तराखंड के प्रावधान, लाभार्थियों...

होम स्टे की राष्ट्रीय नीति में समाहित होंगे उत्तराखंड के प्रावधान, लाभार्थियों के कौशल विकास पर दिया जा रहा ध्यान, जानें क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार होम स्टे नीति बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। नीति आयोग की टीम ने उत्तराखंड समेत चार राज्यों की होम स्टे नीतियों का अध्ययन किया है और अब वह केंद्र सरकार को अपनी संस्तुतियां भेजने वाली है। इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना है, और होम स्टे एक प्रभावी तरीका साबित हो सकता है।

स्थानीय निवासियों को विभिन्न सुविधाएं और सब्सिडी दी जा रही

उत्तराखंड में पहले से ही होम स्टे योजना चल रही है, जिसमें स्थानीय निवासियों को विभिन्न सुविधाएं और सब्सिडी दी जा रही हैं। सरकार ने पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट पर होम स्टे के पंजीकरण की व्यवस्था की है, जिससे इन होम स्टे की प्रमोशन में मदद मिल रही है। योजना में कई तरह की छूट और अनुदान राशि का भी प्रावधान है।

इस नीति में स्थानीय निवासियों को पानी और बिजली की घरेलू दरों पर सुविधा दी गई है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके अलावा, सरकार ने इस योजना को क्लस्टर स्तर पर लागू किया है, जिससे अधिक संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य की होम स्टे योजना की सराहना की है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य की होम स्टे योजना की सराहना की है, और इसके बाद राज्य सरकार ने इस योजना में कुछ और रियायतें दी हैं। इसके परिणामस्वरूप, उत्तराखंड में 5000 से अधिक होम स्टे स्थापित हो चुके हैं, जो पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव प्रदान कर रहे हैं।

उत्तराखंड की होम स्टे नीति में लाभार्थियों के कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वे बेहतर सेवा प्रदान कर सकें। नीति आयोग के लीडर डॉ. इमरान अमीन के अनुसार, केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली संस्तुतियों में ये सभी बिंदु शामिल किए जाएंगे।

केंद्र सरकार की इस पहल के बाद, होम स्टे नीति को राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे देश के विभिन्न राज्यों में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि हो सकेगी।