नई दिल्ली: भीषण गर्मी, असामान्य मौसम और बदलते बारिश के पैटर्न ने लोगों की जेब पर भारी असर डाला है. इसके परिणामस्वरूप फसलें बर्बाद हो रही हैं, जिससे सब्जियों, दालों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई है.
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, जितनी तेजी सब्जियों की कीमतों में वित्त वर्ष 2011-12 से 2019-20 के बीच आई थी, उससे ज्यादा उछाल इस साल के पहले छह महीनों में दर्ज किया गया है. यही स्थिति दालों की कीमतों में भी देखने को मिली है.
आरबीआई ने अपनी अक्टूबर मौद्रिक नीति रिपोर्ट में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई और इसके कारणों पर भी चर्चा की है. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2011-12 से 2019-20 के दौरान सब्जियों की कीमतों में औसतन 30.4% की वृद्धि हुई थी, जबकि चालू वित्त वर्ष के केवल छह महीनों में यह वृद्धि 32.9% तक पहुंच गई है. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में यह वृद्धि 54.1% तक थी, लेकिन मौसम की वजह से किसी एक अवधि में सब्जियों की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी हो सकती है.
पिछले साल से लगातार कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है. उदाहरण के तौर पर, इस साल जुलाई से अगस्त के बीच आलू की कीमतों में 65% तक का इजाफा हुआ, जिसका मुख्य कारण उत्पादन में गिरावट है. इसी तरह, फल और खाद्य एवं पेय पदार्थों से जुड़े अन्य उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है.
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