वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों और उनके प्रबंधन को लेकर लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। इस विधेयक को पहले संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया था, जहां पर इस पर कई संशोधन किए गए। आइए जानते हैं इस विधेयक के प्रमुख बिंदुओं, जेपीसी द्वारा मंजूर किए गए बदलावों और विधेयक में किए गए नए प्रावधानों के बारे में।
जेपीसी में पेश संशोधनों की संख्या और स्वीकृति
जेपीसी में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कुल 44 संशोधन पेश किए गए थे। इनमें से 14 संशोधन को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्षी दलों के द्वारा किए गए अधिकांश संशोधन खारिज कर दिए गए। इन संशोधनों पर तीखी बहस हुई, और विपक्षी दलों ने विधेयक में सरकार के हस्तक्षेप को असंवैधानिक बताते हुए आलोचना की। वहीं, भाजपा ने इस विधेयक को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के रूप में प्रस्तुत किया।
जेपीसी में राजनीतिक दलों के बीच चर्चा
जेपीसी की बैठकों के दौरान भाजपा और विपक्षी दलों के बीच इस विधेयक को लेकर तीखी बहस हुई। भाजपा सांसदों ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का समर्थन किया, जबकि विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक करार दिया और सरकार पर वक्फ बोर्डों में अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। विशेषकर, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी की बैठक में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और अध्यक्ष पर तानाशाही का आरोप लगाया। इस विवाद के बावजूद, जेपीसी ने विधेयक को मंजूरी दे दी।
जेपीसी से पास होने के बाद विधेयक में हुए बदलाव
जेपीसी ने इस विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिनमें प्रमुख हैं:
वक्फ संपत्तियों की परिभाषा में बदलाव
विधेयक में ‘वक्फ बाय यूजर’ के आधार पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों को चुनौती देने का प्रावधान हटाया गया। अब, यदि वक्फ संपत्तियां धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रही हैं, तो उन्हें चुनौती नहीं दी जा सकती।
वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों की भागीदारी
इस विधेयक में वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों को भी सदस्य बनाने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में विविधता और पारदर्शिता लाना है। इस प्रावधान से गैर-मुसलमान भी वक्फ संपत्तियों के लाभार्थी और विवादों के पक्षकार बन सकते हैं।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता
विधेयक का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, आधुनिकता और जवाबदेही लाना है। इसके तहत वक्फ संपत्तियों की निगरानी और उनके उपयोग में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
वक्फ संशोधन विधेयक में जेपीसी द्वारा किए गए संशोधनों के बाद यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। हालांकि विपक्षी दल इसे सरकार के अनुचित हस्तक्षेप और असंवैधानिक मानते हैं, फिर भी विधेयक में किए गए बदलावों से वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और प्रबंधन में सुधार की संभावना है।