देश में जानलेवा बीमारियों, मानसिक तनाव, घटती जीवन प्रत्याशा और असमय मौतों में हमारी आधुनिक जीवनशैली की अहम भूमिका है. खासकर युवा वर्ग में दिल के दौरे की आशंका काफी बढ़ गई है. आजकल छोटे बच्चों से लेकर किशोरावस्था के युवाओं तक में खेलते समय या सामान्य गतिविधियों के दौरान अचानक गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं. कई बार बैठे-बैठे लोगों को चक्कर आ जाता है और डॉक्टर बताते हैं कि उन्हें हृदयाघात हुआ है. कई मामलों में, आवश्यक चिकित्सा सहायता समय पर न मिलने से जान भी चली जाती है.
भारत में अधिकांश मौतों और विकलांगताओं के पीछे हृदय संबंधी बीमारियां प्रमुख कारण हैं. वर्ष 2022 में दिल के दौरे से होने वाली मौतों में 12.5% की वृद्धि हुई थी. अस्वास्थ्यकर आहार, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, और अधिक वजन जैसी समस्याएं अब देश में बीमारी के कुल बोझ का एक चौथाई हिस्सा बन चुकी हैं. गैर-संचारी रोग (जैसे हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह) देश में होने वाली सभी मौतों का 60% से अधिक हिस्सा हैं. हर साल लगभग 5.3 मिलियन भारतीय इन बीमारियों से अपनी जान गंवाते हैं.
कैंसर और मधुमेह की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ-साथ हृदय रोग पिछले दो दशकों से भारत में मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है. वैश्विक स्तर पर 2021 में इस्केमिक हृदय रोग सबसे ज्यादा मौतों का कारण था, जो विश्व की कुल मौतों का 13% है. 2022 में भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 67.74 वर्ष थी, जबकि 2023 तक मोनाको में यह 84.39 वर्ष थी. दक्षिण कोरिया, हांगकांग, मकाऊ और जापान में यह क्रमशः 81.37 वर्ष रही. भारत में ग्रामीण इलाकों के 17% और शहरी इलाकों के 29% बुजुर्ग पुरानी बीमारियों से जूझ रहे हैं. इनमें उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां 68% मामलों में होती हैं.
चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में हृदय रोग पश्चिमी देशों की तुलना में 10-15 साल पहले ही हो जाता है. भारत में हृदय रोग के कारण होने वाली मौतों का प्रतिशत 24.8% है, इसके बाद श्वसन संबंधी बीमारियों से 10.2% और ट्यूमर से 9.4% मौतें होती हैं. एक अध्ययन के अनुसार, 2019 में भारत में प्रदूषण के कारण 2.3 मिलियन से अधिक लोगों की असामयिक मृत्यु हुई. यूनिसेफ और खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 45% बच्चे अविकसित हैं, और हर साल पांच साल से कम उम्र के 6 लाख बच्चे अशुद्ध पानी, पोषक भोजन की कमी और अस्वच्छता के कारण अपनी जान गंवाते हैं.
जीवन का महत्व समझना जरूरी है. यदि भारत को एक खुशहाल और स्वस्थ राष्ट्र बनाया जाए, तो हर साल स्वास्थ्य पर होने वाले अरबों डॉलर के खर्च को कम किया जा सकता है, और गंभीर बीमारियों की रफ्तार को भी धीमा किया जा सकता है.
काफल ट्री लाइव के वाट्सएप्प ग्रुप से जुड़े : काफल ट्री लाइव वाट्सएप्प ग्रुप
यूट्यूब पर हमारी चुनिन्दा रपट देखें : काफल ट्री लाइव यूट्यूब
फेसबुक में हमें फॉलो करें : काफल ट्री लाइव फेसबुक
इंस्टाग्राम पर हमें फॉलो करें : काफल ट्री लाइव इंस्टाग्राम